Sunday, January 26, 2014

आजकल वायु देवता बार बार असुरो से क्यूँ परास्त हो रहे हैं

This is composition of air in percent by volume, at sea level at 15°C and 101325 Pa.

Nitrogen -- N2 -- 78.084% say 78% Oxygen -- O2 -- 20.9476% say 21% [total of both 99%]
And 1% impurities as below:

Argon -- Ar -- 0.934% Carbon Dioxide -- CO2 -- 0.0314% Neon -- Ne -- 0.001818% Methane -- CH4 -- 0.0002%


ईमेल से काफी पाठको के प्रश्न आते रहते हैं, और कुछ प्रश्न उपरोक्त विषय पर भी थे| सबसे पहले आप सबको धन्यवाद देना चाहूँगा, कि इतनी सुगमता से आपने यह संक्रमण(देवता और असुर का विज्ञान से सम्बन्ध) सूचना के आधार पर कर लिया| इसके लिए भी बहुत बहुत धन्यवाद, कि आप सब ब्लॉग मैं विशेष रुची ले रहे हैं|

पर अनेक जिज्ञासु यह जानना चाहते हैं, कि आज के सूचना युग मैं वायु देवता असुरों से कैसे परास्त होते हैं|

जैसा कि पहले बताया जा चूका है, कि देवता वास्तव मैं सुर और असुर का स्वीकृत सामंजस्य है; रसायन का जो मिश्रण वायु मैं होता है वोह उपर दिया है, जहाँ Nitrogen और Oxygen सुर हैं, और बाकी नीचे की चारों गैस असुर , लकिन यह १% अशुद्धियाँ तक का सामंजस्य स्वीकार है और यदि यहीं तक अशुद्धियाँ रहे तो वायु देवता पूर्ण रूप से शक्तिशाली हैं|

फिर से समझ लीजिए, देवता वास्तव मैं सुर और असुर का स्वीकृत सामंजस्य है, जिसमें यदी गडबडी होई तो देवता रुष्ट, परेशान या कमजोर हो जाते हैं; असुर ज्यादा हावी हो जायं तो देवता परास्त भी हो जाते हैं|
अब प्रदुषण और अन्य कारणों से वायु मैं अशुद्धियाँ बढ़ जाती हैं, यानी की असुर हावी होने लगते हैं, और आप यह कह सकते हैं की वायु देवता असुरों से परास्त हो रहे हैं|

वायु मैं अशुद्धियों के प्रमुख कारण :
  • वायु प्रदुषण, जो की गाड़ीयों, उद्योगों से निकलता है, 
  • जंगलो का सफाया, क्यूँकी प्रकृति मैं वन और वनस्पति के पास वायु को शुद्ध करने की शक्ति है 
  • विज्ञानिक उपकरणों की बढ़ती होई मांग 
हमेशा याद रखीये कि इश्वर शिव ने माता पार्वती से विवाह करा है, और माता पार्वती का दूसरा स्वरुप ’प्रकृति’ है | समझ लीजिए मंदिर मैं घंटे बजाने या नारियल अर्पित करने से देवी प्रसन्न नहीं होगी जब तक मैं और आप प्रकृति की रक्षा के लिए वचनवध नहीं होते|
जय शिव शंकर, जय माता पार्वती !!

No comments:

Post a Comment