PASSIVENESS DOES NOT ALLOW US TO ACCEPT RAMAYAN AS HISTORY~~ आप इस बात को नहीं स्वीकार कर पा रहे हैं कि इतिहास अलोकिक और चमत्कारिक शक्तियुओं को नहीं मानता| इसका आप स्वंम को सही उत्तर देना का साहस भी नहीं जुटा पा रहे हैं कि भगवान के अवतार अलोकिक शक्ति नहीं रखते !
ध्यान रहे कि रामायण यदि इतिहास है तो उसमें किसी भी चरित्र के पास अलोकिक और चमत्कारिक शक्ति नहीं हो सकती |
क्या कारण है कि हमसब के परस्पर प्रयास के फल स्वरुप लोगो ने यह तो स्वीकार कर लिया कि वानर बन्दर नहीं, वन में नई मनुष्य प्रजाति कि उत्पत्ति थी|
संभव है कि संस्कार और सूचना के आधार पर इसे स्वीकार करना सरल था !
लेकिन जब जब हम सब ने आपसब से अनुरोध करा है कि रामायण को त्रेता युग का इतिहास मान कर समझे , स्पष्ट विरोध या यूँ कहीये ऐसा अवश्य अनुभव हुआ है कि आपने दूरी और बढा ली; क्या कारण हो सकता है ?
और वह जब, जब आपके संस्कार यह चाहते हैं कि आप रामायण को मिथ्या न मान कर इतिहास ही माने , इसमें कहीं कोइ विरोधाभास नहीं है ! फिर क्यूँ ?
अपने इतिहास, अपने इश्वर/प्रभु की मनुष्य रूप में जो लीला होई हैं उसको अधिक सम्मान मिल सके यह आपके मन की बात है, फिर संकोच क्यूँ ?
सोचिये और कमसे कम अपने को तो इमानदारी से उत्तर दीजिए !
उत्तर स्पष्ट है, आप रामायण को इतिहास मानने को पूरी तरह से इच्छुक हैं लेकिन उसके लीये इस बात को कदापि नहीं स्वीकार कर पा रहे हैं कि इतिहास अलोकिक और चमत्कारिक शक्तियुओं को नहीं मानता ! रामायण के अधिकाँश चरित्रों को अब तक जो दर्शन/विवरण आपको समझ में आया है वह अलोकिक शक्ति के साथ ही है ! इस अंतरविरोध का आप स्वंम को सही उत्तर देना का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं ! रामायण को आप इतिहास तो मानना चाहते है लेकिन आप स्वंम अपने इस विश्वास को कैसे ठेस पहुचायं, कि हमारे भगवान के अवतार अलोकिक शक्ति रखते थे ?
आपकी मान्सिकता इसको नहीं मानना चाहती कि रामायण के चरित्र अलोकिक और चमत्कारिक शक्ति नहीं रखते थे ! आपका मन इसे किसी तरह से स्वीकार नहीं करना चाहता !
आपने कभी सोचा है कि अन्य धर्म के प्रतिकूल हिंदू धर्म पृथ्वी के विकास का कारण सृजन(CREATION) नहीं मानता; एकमात्र हिंदू धर्म है जो क्रमागत उन्नति( EVOLUTION) को पृथ्वी के विकास का कारण मानता है ! और क्रमागत उन्नति( EVOLUTION) में अलोकिक और चमत्कारिक शक्तियुओं का कोइ स्थान नहीं है !
क्या आपके पास इसका उत्तर है कि इश्वर तो सर्व शक्तिमान है,; हर धर्म में यह विश्वास है कि इश्वर सिर्फ अपनी पलक झपकाय तो प्रलय आ जायेगी , तो इतने शक्तिशाली इश्वर मनुष्य रूप में क्यूँ अवतरित होते हैं ?
इश्वर इसलिए तो अवतरित होते नहीं हैं कि पृथ्वीवासियों को यह बताएं कि जो समस्या का समाधान हम नहीं कर पा रहे हैं , उसके समाधान के लीये वह अलोकिक शक्ति का मनुष्य रूप में प्रयोग करके समाधान निकालेंगे, ताकि इश्वर की जय, जयकार हो सके ! ऐसा संभव नहीं है; यह तो नकरात्मक दृष्टिकोण हो गया ! नहीं इश्वर मनुष्य रूप में कभी भी दिव्य या अलोकिक शक्तियों का उपयोग्य नहीं करते !
मनुष्य रूप में इश्वर का अवतरित होने का एक ही कारण होता है ; और वह यह कि वह उद्धारण से आपको मार्ग जाता सकें ! और यदी इश्वर, मनुष्य रूप में अलोकिक शक्तियों का प्रयोग करेंगे तो क्या उद्धरण प्रस्तुत करेंगे; क्यूँकी हमारे पास तो ऐसी शक्ति है नहीं, इसलिए अलोकिक शक्ति के प्रयोग द्वारा समाधान मनुष्य के लीये बेकार है, और अवतार अर्थहीन !
कृप्या अपनी सोच बदलें, रामायण को इतिहास माने, हिंदू समाज का लाभ इसी से है !
जब आप रामायण को इतिहास मानेंगे तो आप पाएंगे कि श्री विष्णु का प्रमुख उद्देश श्री राम के रूप में अवतरित होने का इस प्रकार था :
1. स्त्रियों पर विभिन् प्रकार के अत्याचारों को समाप्त करना, तथा अग्नि परीक्षा जैसा असामाजिक शोषण, जिसको धार्मिक मान्यता भी प्राप्त थी उसे अधर्म घोषित करना!
2. कमजोर वर्ग को सामान्य अधिकार समाज में दिलाना! वानर नई प्रजाति थी जो सतयुग में प्राकर्तिक विकास से उत्पन्न होई थी, और जिनके पूँछ थी ! वानर जाती को मनुष्य समाज ने तथा समस्त राज्यों ने मनुष्य मानने तक से इनकार कर रखा था, और उनके साथ जानवर जैसा दुर्व्यवहार होता था !
3. एक ऐसे राज्य की स्थापना करना जिसमें किसी तरह का अत्याचार न हो, समाज में धन, जाती, या उत्पत्ति के नाम पर कोइ भेद भाव न हो, तथा निष्पक्ष न्याय हो! इसी राज्य को हमसब राम राज्य के नाम से भी जानते हैं|
जय श्री राम, जय माता सीता !
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1 comment :
RAMAYAN EK PAVITRA GRANTH HAI NA KI YE ITHAS HAI OR YE HI HINDU BHAI BEHNO KII SHAKTI HAI YE HI SIKSHA OR YE SANSKAR HAI HUME RAMAYAN KE ALAWA KOI AISA GRANTH BATAYE JISME MANUSHYA KO SHIKSHA OR SANSKAR KE LIYE PRARIT KIYA HO ISLIYE RAMAYAN KO HINDU DHARAM OR HINMDU SANSKAR KA PAYA SAMZE ITHAS WO HOTE HAI JO CHALTE KUCH VARSHO ME SAMAPT HO JAATE HAI OR AGAR AAP RAMAYAN KO ITHAS MANTE HAI TO KURAN OR BAIBLE BHI EK ETHAS HAI IN SUBKO SAMAPT KAR DO
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