सृजन या क्रमागत उन्नति ? CREATION OR EVOLUTION ?
हिन्दू सृजन(CREATION ) मैं नहीं , क्रमागत उन्नति (EVOLUTION) मैं विशवास करते हैं ! इसीलिये अवतार अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, हिन्दू धर्म मैं ! कितने हिन्दू श्री विष्णु की विधिवत पूजा, अर्चना करते हैं,? नहीं, वे श्री विष्णु अवतार श्री राम और कर्मवीर श्री कृष्ण की पूजा अर्चना से ही श्री विष्णु को प्रसन्न करते हैं !
कारण स्पष्ट है, हिन्दू यह नहीं मानते कि पृथ्वी के विकास का कारण सृजन है, वे यह मानते है कि विकास स्वाभाविक रूप से हुआ है , और इश्वर अपने लोक मैं बैठ कर कभी कोइ हस्ताषेप नहीं करते ! यदि कहीं सुधार की आवश्यकता है , तो दोषनिवृत्ति के लिए इश्वर पृथ्वी पर अवतरित होते हैं , और आवश्यक संशोधन/सुधार उपरान्त अपने लोक चले जाते हैं !
जब हिन्दुओं की आस्था स्पष्ट है , तथा राम और कृष्ण के गुणगान मैं समस्त हिन्दू समाज लगा हुआ है , तो इसपर धर्म गुरुजनों का स्पष्टीकरण क्यूँ नहीं आता ? क्यूँ बार बार स्रजन को महत्त्व दिया जाता है ?
यदि हिन्दू सृजन मैं आस्था रखते होते तो अवतार अर्थहीन हो जाता है ! ध्यान रहे इश्वर सर्वशक्तिमान है , इश्वर अपने लोक मैं बैठ कर आवश्यक सुधार पृथ्वी पर ला सकते हैं , फिर अवतार क्यूँ ?
अवतार की सुधार करने की क्षमता सीमित होती है ! स्वंम श्री राम ने भी एकाधिक विवाह का विरोध करा, तथा नियम बनाया कि एक से अधिक पत्नी कोइ नहीं रखेगा , परन्तु उसे कभी भी धर्म की मान्यता नहीं दिला पाए !
यह सीमाएं हैं अवतार की तथा यही कारण है कि हिन्दू संसार का विकास सृजन नहीं क्रमागत उन्नति मानता है !
WE BELIEVE IN NATURAL EVOLUTION, NOT CREATION
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