Monday, May 14, 2012

नरसिंह अवतार.. क्रमागत उन्नति की प्रक्रिया से उत्पन्न मनुष्य

इश्वर सर्वशक्तिमान है, और भक्तकी रक्षा हेतु, कोइभी अंकुश उनपर नहीं है, लकिन अवतार की सीमाएं हैं |
यदि नरसिंह खम्बे से प्रकट हुए थे, तो हम यह क्यूँ नहीं मान लेते की इश्वर अपने भक्त की रक्षा के लिए आ गए !

“श्रृष्टि के सकारात्मक उनत्ति के लिए भगवान विष्णु का वानर प्रजाति मैं, नरसिंह के रूप मैं अवतरित होना , यह उदहारण स्थापित करता है , कि समाज मैं विषमता को दूर करने के लिए पिछड़ा वर्ग जो प्रयास करे वह सदेव सराहनीय है , इश्वर अवतार नरसिंह की तरह पूजनीय है | उसका सम्मान होना चाहिए विकसित मनुष्य वर्ग द्वारा”

यह पोस्ट अनेक जिज्ञासु प्रश्नकर्ताओं के फल स्वरुप आवश्यक हो गयी थी | प्रश्नकर्ताओं की जिज्ञासा इस विषय मैं है कि लोक-प्रिय पोस्ट : “हिंदू इतिहास ...सत्ययुग में इश्वर अवतार” मैं यह बात कही गयी है की नरसिंह वानर प्रजाति के वन मैं विकसित मनुष्य थे , जिन्होंने हिरणकश्यप का वध किया ! 

नरसिंह का मुख सिंह जैसा था ! आज भी हम नरसिंह को विष्णु अवतार मानते है !

कुछ पाठकों का कहना है कि नरसिंह अवतार तो खम्बे से प्रकट हुए थे, तो इस तथ्य को क्यूँ बदला जा रहा है , तो कुछ समर्थक कारण जानना चाहते है | इस कथन के कारण बहुत साधारण हैं , इश्वर और अवतार के बीच मैं जो अंतर है उसकी परिभाषा के अभाव मैं यह भ्रान्ति है |

प्रश्न यह है कि नरसिंह विष्णु अवतार थे या स्वंम भगवान विष्णु ?

सिर्फ इस प्रश्न का उत्तर देने का प्रयास करा गया है | ध्यान रहे, इश्वर सब बंधन से मुक्त हैं , वे अपने भक्त की रक्षा के लिए कुछ भी और कैसे भी सहायता कर सकते हैं | यदि प्रहलाद कि रक्षा के लिए स्वंम भगवान विष्णु आये थे, तो इश्वर पर श्रद्धा और बढ़ जाती है | 

परन्तु इतिहास कुछ और सन्देश देना चाहता है | 

इतिहास के समस्त स्त्रोत यह बताते हैं कि नरसिंह इश्वर अवतार थे | मनुष्य रूप मैं इश्वर अवतार कि अपनी सीमाएं हैं , मर्यादाएं हैं , जिसे वोह लांघ नहीं सकते |

मनुष्य का निश्चित जन्म और भौतिक पहचान होती है , जिसमें बंध कर ही वह समाज मैं सुधार लाते हैं | उचत्तम श्रेणी के मनुष्य और अवतार जो सुधार के लिए प्रयास करते हैं वो हर युग के लिए उद्धारण बन जाता है | अवतार जो उद्धारण प्रस्तुत करते हैं वह हर युग के लिए धर्म हो जाता है | 

नरसिंह अवतार , जैसा की शब्दों का अर्थ है , का मुख सिंह जैसा था , ने हिरनकश्यप का वध करके समाज मैं वानर और मनुष्य के बीच मैं जो असमानता , विभिन्नता के कारण जो विषमता उत्पन्न हो रही थी , उसे अपने कठोर कर्म से और युद्ध मैं मनुष्यों का साथ देकर कम करने का प्रयास करा , तथा नरभक्षी राक्षसों का विनाश करा |

ध्यान रहे तब तक मनुष्य जिन्हें तब आर्य के नाम से जाना जाता था , वानर को मनुष्य तक नहीं मानते थे | उन्हें जानवर ही मानते थे , यदपि वे दो पेरो से चलते थे, और मनुष्य से उनकी भाषा मैं बात भी करते थे , जो कि जानवरों के लिए संभव नहीं था | मनुष्यों के अनुरोध पर और मनुष्यों की रणनीति के अनुसार ही युद्ध हुआ और नरसिंह का योगदान पूजनीय हो गया; वे आज भी नरसिंह अवतार के नाम से पूजे जाते हैं |

श्रृष्टि के सकारात्मक उनत्ति के लिए भगवान विष्णु का वानर प्रजाति मैं, नरसिंह के रूप मैं अवतरित होना , यह उदहारण स्थापित करता है , कि समाज मैं विषमता को दूर करने के लिए पिछड़ा वर्ग जो प्रयास करे वह सदेव सराहनीय है , इश्वर अवतार नरसिंह की तरह पूजनीय है | उसका सम्मान होना चाहिए विकसित मनुष्य वर्ग द्वारा |

परन्तु वह सत्ययुग था, जिसमे श्रोषण ही श्रोषण था, और इसका एक प्रमाण है इश्वर के अनेक अवतार |

आज कलयुग मैं हिंदू समाज , कमजोर वर्ग के शोषण को रोकने के लिए नरसिंह अवतार से प्रेरित है और वचनबद्ध है |
|| जय श्री राम; जय माता सीता ||
यह भी पढ़ें :

No comments :

ABOUT ME:

A Consulting Engineer, operating from Mumbai, involved in financial and project consultancy; also involved in revival of sick establishments.

ABOUT MY BLOG: One has to accept that Hindus, though, highly religious, are not getting desired result as a society. Female feticide, lack of education for girls, dowry deaths, suicides among farmers, increase in court cases among relatives, corruption, mistrust and discontent, are all physical parameters to measure the effectiveness or success/failure of RELIGION, in a society. And all this, despite the fact, that spending on religion, by Hindus, has increased drastically after the advent of multiple TV channels. There is serious problem of attitude of every individual which need to be corrected. Revival of Hindu religion, perhaps, is the only way forward.

I am writing how problems, faced by Indian people can be sorted out by revival of Hindu Religion.