एक ऐसा पर्व जो की गुलामी की सोच को दर्शाता है,
की मर्द को जिन्दा रहने के लिए पत्नी को कठोर व्रत कर के ईश्वर को खुश करना होगा |
सति प्रथा जब प्रचिलित थी, उस समय का यह पर्व है, जो की आज हमारी युवा पीढी भी बड़ी खुशी और शान से मानती है, और संतुष्ट होती है,
शर्म भी नहीं आती इस युवा पीढी को ?
अरे नामर्दों, क्या तुम्हारी मानसिकता इतनी कमजोर और बीमार है, की तुम्हे जिन्दा रहने के लिए अपनी पत्नी से कठोर व्रत करवाना पड़ेगा ?
इससे ज्यादा नामर्द, कमजोर युवा पीढी कहाँ मिलेगी, आपको ?
जहाँ एक जवान लड्का सर उठा कर गर्व से कहता है की मेरी पत्नी ने आज करवा चौथ का व्रत रखा है, यानी की मेरी लम्बी आयु के लिए कठोर प्रयास वोह ईश्वर को खुश करने के लिए कर रही है !
शाबाश बेशर्म हिन्दू समाज, बेशर्म सास ससुर और बेशर्म धर्म गुरु जो, इसको प्रोहित्साहित कर रहे हैं |
और मेरे महान भारत की टीवी चैनल इसको गौरवान्वित करके धन कमाने मैं कोइ संकोच नहीं करती |
इस हिन्दू समाज को तो दुबारा गुलाम होना ही चाहिए !
जय श्री राम, जय श्री कृष्ण !!!
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