Friday, September 21, 2012

हमें भक्त नहीं कर्मठ हिंदू समाज चाहिए

अवतार (उदहारण: श्री राम, और श्री कृष्ण) का इतिहास यदि अलोकिक और चमत्कारिक शक्तिओं से भरपूर हो, जैसा की आजादी से पहले था, तो हिंदू समाज को कर्महीन बनाएगा !
यदि आप हिंदू समाज को सशक्त देखना चाहते हैं , तो बहुत सीमित विकल्प हैं; इसलिए समय क्यूँ लग रहा है , समझ मैं नहीं आ रहा है ?
पहला कदम यह सोच बनाने से शुरू होगा कि हिंदू धर्म का पहला, महत्वपूर्ण तथा पूरी तरह से अविवादित उद्देश, हिंदू समाज कि प्रमाणित आकडो के अंतर्गत उनत्ति है |

REPEAT > फिर से कह रहा हूँ >> हिंदू समाज की प्रमाणित आकडो के अंतर्गत उनत्ति है| यह हमारा पहला और परम उद्देश है |

अफ़सोस जो की नहीं हो रहा है! उल्टा सचाई यह है कि आजादी के ६५ साल बाद स्तिथी यह है कि ...
1. हिंदू समाज गरीब हो गया है
2. अपने ही देश मैं द्वित्य श्रेणी का नागरिक हो गया है,
3. और धर्म गुरु अत्यंत बलवान और शक्तिशाली हो गए हैं
जब तक आप इस सच को पूरी तरह से नहीं समझ लेंगे, हिंदू समाज निर्धन , कमजोर और गुलामी की तरफ बढ़ता जाएगा , 
और..
हिंदू समाज का शोषणकरता और अधर्मी धर्मगुरु और शशक्त होते जायेंगे ...

क्या गलत धर्म तो नहीं बताया जा रहा है ?
सोचिये..>>.. क्या गलत धर्म तो नहीं बताया जा रहा है ?

ध्यान रहे ::: 
एक गुलाम समाज को जो धार्मिक शिक्षा दी जाती है , वोह किसी तरह से समय काटने के लिए दी जाती है , और उसके लिए भक्ति मार्ग उपयुक्त था..>> ..जो की आजादी से पहले अपनाया गया था...लकिन एक आज़ाद समाज को धर्म की शिक्षा कर्म से आरम्भ होती है ,..क्या ऐसा हुआ है ?
आप इसके लिए अपने आपको कितना ज़िम्मेदार मानते हैं ?

क्या भावनात्मक दृष्टीकोण, अथार्थ गैर हिंदुओं को बुरा भला कहने से समाज मैं सुधार आ जाएगा , या समाज का सुधार बिना समाज को कर्मठ बनाए संभव होगा ?

भावनात्मक दृष्टीकोण आवश्यक है , समाज को एकजुट करने के लिए और कर्मठ बनाने का प्रयास आरम्भ करने के लिए, .

इसलिए कदापि नहीं कि शोषणकरता को हिंदू समाज गुलाम बनाने के लिए सुपुर्द कर दिया जाए ..जो की हो रहा है ..
और सच यह है कि यह काम हम और आप कर रहे हैं ..
||जागो हिंदू जागो|| 
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ध्यान से पढ़े : 
अवतार (उदहारण: श्री राम, और श्री कृष्ण) का इतिहास यदि अलोकिक और चमत्कारिक शक्तिओं से भरपूर होगा, जैसा की आजादी से पहले था, तो हिंदू समाज को कर्महीन बनाएगा !
और यदि बिना अलोकिक और चमत्कारिक शक्तिओं के होगा तो हिंदू समाज को कर्मठ बनाएगा !

इस सत्य की जानकारी आपको कोइ भी समाज सम्बंधित विशेषयग्य दे देगा !

READ CAREFULLY ::

The history of Avatars with supernatural powers will increase the Emotional content of religion, while history of Avatars WITHOUT such powers will reduce the emotional content of religion and increase the Karmic content. 

INCREASE IN KARMIC CONTENT OF RELIGION WILL MAKE SOCIETY LESS PASSIVE, AND ABILITY TO FIGHT PROBLEMS (like corruption, atrocities) IN THE SOCIETY IMPROVES. 

This FACT can be ascertained from any Social Scientist/expert .

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