tag:blogger.com,1999:blog-866699657086285451.post3699011825192416109..comments2024-03-06T15:42:33.584+05:30Comments on AGNI PARIKSHA OF SITA: महामुनि पराशर ने संतान हेतु सत्यवती से विवाह करा Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/01203074037723060879noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-866699657086285451.post-14003395050688099052013-07-10T19:09:34.064+05:302013-07-10T19:09:34.064+05:30आप धन्यवाद के पात्र हैं की आप् सनातन धर्म के पुनरु...आप धन्यवाद के पात्र हैं की आप् सनातन धर्म के पुनरुत्थन के लिये इतना प्रयास कर रहे हैं<br />लेकिन क्या इस सबके लिये इस ब्लोग के अलावा भी कहीं कोइ कार्यक्रम चल रहा है या नहीं इसके बारे में भी जान्कारी देते तो और अच्छा होता, और इसके अलावा आप के क्या प्रयास हैं व दुसरे लोग इसमे क्या सहयोग कर सकते हैं इसके बारे में भी कुछ रोशनी डालने का कश्ट करे वैसे मैं बहुत प्रभावित हूं आपके इस लेखन और् सद्कार्य के लिये अपना आभार प्रकट करता हूं आशा है आप् इसी तरह के और प्रयास करते रहेंगें और हमें भी इस तरह का कार्य करने में सहयोग करने का रास्ता बताकर मौका देंगेAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/01266666714377693721noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-866699657086285451.post-77437115179126485702013-01-01T22:31:57.601+05:302013-01-01T22:31:57.601+05:30गणेश-व्यास संवाद इस बात का पर्याप्त सन्देश देता है...गणेश-व्यास संवाद इस बात का पर्याप्त सन्देश देता है की महाभारत समझने के लिए आपको यह मानना पड़ेगा की समस्त ग्रन्थ कोडित(WRITTEN IN CODED SANSKRIT LANGUAGE) है , अथार्थ आसान नहीं है समझना |<br /><br />तो एक ही तरीका किसी भी व्यक्ति के लिए बचता है , और वह है कि वर्तमान समाज को केन्द्र बिंदु मान कर समझा जाय ....इससे कमसे कम वर्तमान समाज का शोषण तो संभव नहीं है, क्यूँकी जो भी वर्तमान समाज को केन्द्र बीन्दू मान कर बताया जाएगा , उससे वर्तमान समाज का लाभ तो हो सकता है , हानि नहीं |Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01203074037723060879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-866699657086285451.post-36485803027639880882012-12-28T23:30:55.696+05:302012-12-28T23:30:55.696+05:30आप यह सब जो लिखते रहते हैं - इसका स्रोत क्या है ? ...आप यह सब जो लिखते रहते हैं - इसका स्रोत क्या है ? आपका अपना अनेलिसिस, या कोई ग्रन्थ ?Shilpa Mehta : शिल्पा मेहताhttps://www.blogger.com/profile/17400896960704879428noreply@blogger.com